परिवहन मंत्री बोले- मुझे किसी को सफाई देने की जरूरत नहीं; एसीबी हमारे अंडर में है, हम एसीबी के अंडर में नहीं
जयपुर । परिवहन विभाग के अफसरों पर एसीबी की कार्रवाई के बाद विपक्ष ने सरकार को घेर रखा है। वहीं सरकार सफाई देती नजर आ रही है। इस दौरान मुख्यमंत्री से मिलकर मंगलवार को विधानसभा पहुंचे परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से रोज मुलाकात होती रहती है। मैं उनके कैबिनेट का मंत्री हूं। इसलिए रोज मुलाकात होती रहती है। मुझे किसी को कोई सफाई देने की जरूरत नहीं है। एसीबी अगर कार्रवाई करती है तो मुख्यमंत्री और मंत्री की इच्छा से ही करती है। एसीबी हमारे अंडर में है, हम एसीबी के अंडर में नहीं है। एसीबी राजस्थान सरकार के अंडर में आती है।खाचरियावास ने कहा हमारे विधायक क्या कह रहे हैं। दूसरे विधायक क्या कह रहे हैं। ये पूरे राजस्थान ने देख लिया है। मैं इतना कहना चाहता हूं कि भ्रष्टाचार अगर कोई करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कांग्रेस की सरकार ही करती है। सरकार जब से आई है तब से कह रही है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस होना चाहिए। हम वही लोग हैं जिन्होंने 45 हजार करोड़ का खान घोटाला खोला। करप्शन के खिलाफ कार्रवाई सरकार ने की है। अगर सरकार की नियत ठीक नहीं होती तो कार्रवाई कैसे होती। सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की है। निर्दोष को डरने की जरूरत नही है।
'अपना खून पसीना गिराकर ये मुकाम पाया'
उन्होंने कहा कि राजनीति में प्रतापसिंह खाचरियावास वो है जिसने अपना खून पसीना गिराकर ये मुकाम पाया है। राजस्थान की कोई सड़क नहीं, जहां मेरा खून-पसीना न गिरा हो। मैं संघर्ष के जरिए आगे बढ़ा हूं। राजस्थान के करोड़ों लोग मेरे साथ खड़े रहते हैं। मुझे लड़ना भी आता है और मरना भी।
कालीचरण सराफ ने मांगा इस्तीफा
सराफ ने कहा कि परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे तक फैला हुआ है। मैं तो ये कहना चाहुंगा। थोड़ी भी नैतिकता अगर बाकी है तो मुख्यमंत्री को परिवहन मंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए। प्रतापसिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए।
क्या है मामला
गत रविवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने दलालों के जरिये वाहन मालिकों को डरा-धमकाकर परिवहन विभाग के अफसरों द्वारा मासिक बंधी लेने का बड़ा खुलासा किया था। एसीबी ने रविवार को 2 डीटीओ व 6 इंस्पेक्टर के अलावा 7 दलालों को कस्टडी में लेकर सर्च अभियान चलाया। देर रात तक 1.20 करोड़ रु. नकद, प्रॉपर्टी के दस्तावेज तथा दलालों से रिश्वत के लेनदेन की सूचियों सहित अहम साक्ष्य मिले। 3 इंस्पेक्टर फरार बताए गए हैं। जबकि 7 अधिकारी राडार पर हैं। मामले में सोमवार को 8 परिवहन विभाग के अफसर और 7 दलालों को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले एक इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह और दलाल मनीष को रंगे हाथों ट्रैप किया गया था।